Tuesday, April 21, 2009

बिहार का शोक कोसी का तांडव



भारत देश में प्राकृतिक आपदाओं की कमी नहीं हैं। कभी भूकंप तो कभी बाढ़ आए दिनों समाचार-पत्र व टेलीविजन की सुर्खियों में छाए रहते हैं। लेकिन भारतीय लोगों की मानवता भी इतनी ही बलवान है कि जब किसी भी राज्य में कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो दूर मीलों बैठे भारतीयों का हृदय पिंघलने लगता है। आज फिर एक राज्य प्राकृतिक विपदा की चपेट में आ गया हैं। चारों तरफ पानी ही पानी हो गया है।
आप समझ ही गए होगें दोस्तों मैं उसी बिहार का जिक्र कर रहा हूॅं। जहां पर बिहार का शोक कहीं जाने वाली कोसी नदी में कटाव आने और फिर एकदम नहर से सटे सभी इलाकों पानी ही पानी करने वाली नदी ने एक चलते जनजीवन को पल भर में ही नष्ट कर दिया। सब जगह बचाव की गुहार लगाई की जा रही है। भारतीय सेना ने मौके पर पहुंच कर अनेकों भारतीयों को डूबने से बचाया तथा देश का भविष्य छोट-छोटे बच्चों को नाव में बिठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। अपने गांवो में आराम से जीवन बसर करने वालों परिवारों को प्रकृति ने आम जनजीवन का अस्त-व्यस्त कर दिया। किसी का बच्चा कही पर, कई व्यक्तियों का पता ही नहीं चला कि वह मृत हैं या जीवित हैं। अनेक हंसते-खेलते परिवार काल का ग्रास बन गए।
अब वहां पर हालात यह है कि लोगों के पास खाने के लिए भोजन नहीं है, तन ढ़ापने के लिए वस्त्र नहीं हैं व रहने के लिए मकान नहीं हैं। लेकिन इन बातों का दर्द एक सच्चा भारतीय ही समझ सकता है। जब वह सच्चे दिल और तन, मन, धन से अपने देश को समर्पित है। उनका दर्द तो वहीं समझ सकाता हैं जिसने अपने आगे की तरफ सोचकर विचरण किया हो। लेकिन एक सच्चे भारतीय का फ़र्ज बनता है कि वो चाहे उत्तर में हो या दक्षिण में हो, पूर्व में या पश्चिम में हो कहीं पर भी देश की हित की बात आती है व कोई प्राकृतिक विपदा आती है। हमें देश की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। लेकिन इस विनाशक बाढ के कारण घरबार, पैसा, किसानों की फसल सब कुछ चला गया। हमें उनकी मदद करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
इसलिए मैं तो यहीं कहना चाहूंगा कि हमारे पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष व विश्वविद्यालय के शिक्षकों की आपसी सहमति से बिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिए दान देने की एक मुहिम चलाई है। उन असहारा बच्चों को थोड़ा बहुुत दान करके सहारा देने का काम करें।
सन्दीप कंवल भुरटाना
पत्रकारिता व जनसंचार विभाग
सिरसा (हरियाणा)

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