Tuesday, April 21, 2009
मोबाइल क्रांति
आज के इस वैज्ञानिक युग में मनुष्य द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व आविष्कारों के कारण को जन्म दिया जा रहा है। कहीं टेलीविजन का आविष्कार तो कहीं कंप्यूटर का आविष्कार। यह एक तरफ से समुन्द्र की गहराई को मापता है वहीं दूसरी ओर सुदूर आकाश में ऊंचाई को मापता हुआ अन्तरिक्ष की सैर करता है। विज्ञान के नित हो रहे नये प्रयोगों ने मानव जीवन में क्रांति ला दी है। उनमें से एक है - मोबाइल क्रांति। मोबाइल फोन के साथ मानव जीवन में क्रांति लाने के साथ मानव समाज को एक-दूसरे के निकट लाने का कार्य भी किया है। आज के इस भैतिकवादी युग में मनुष्य के पास समय का अभाव है। ऐसे में वह अपने मित्रों, सगे सम्बन्धियों या परिवार वालों की पहुंच में रहते है। लगभग पांच वर्ष पहले मोबाइल फोन बड़ी-बड़ी हस्तियों, उद्यमियों व धनाढ़य लोगों के पास होता था। लेकिन वर्तमान युग में मोबाइल ने इतनी प्रगति की है कि आम आदमी की भी जरूरत बनकर उसके पास मौजूद है। बाद में पक्षियों के द्वारा संदेश भजे जाते थे। धीरे-धीरे डाक व्यवस्था से भी संचार होने लगा। लेकिन मोबाइल में आई क्रांति के कारण यह इतना सस्ता हो गया कि आम आदमी भी इसे आसानी से खरीद सकता है। बाजार में लगी मोबाइल कंपनियों की होड़ के कारण यह संचार का अत्यधिक सस्ता मायम हो गया है। विज्ञान की अभूतपूर्व तरक्की के कारण असमें ऐसी सुविधाएं दी गई है जिससे व्यक्ति का भरपूर मनोरंजन होता है। इसमें ऑडियो, वीडियो संदेश और संसार का सबसे बड़ा माध्यम इंटरनेट जैसी सुविधांए मोबाइल के जरिए मुहैया हो रही है।
मोबाइल क्रांति के कारण वर्तमान युवा वर्ग इसके प्रति अत्यधिक आकर्षित हुआ है। क्योंकि मोबाइल कम्पनियों ने ऐसे-ऐसे मोबाइलों को बाजार में उतारा हैं। जा युवा वर्ग की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। लेकिन आज मोबाइल के टंकण पटल पर प्रियजन को भेज दिया जाता है। वहीं इसी पक्ष का दूसरा पहलू यह भी है कि मोबाइल के सही प्रयोग के अलावा इसका दुरूपयोग भी होने लगा है। मोबाइल कम्पनियों ने इसमें इतनी सुविधांए प्रदान कर दी है कि जिससे लोग इनका गलत इस्तेमाल करने लगे हैं। जैसे किसी को वेवजह तंग करना, हत्या व बैंक डकैती आदि घटनांए बढ़ी हैं। इस माध्यम से कई बार लोगों को गलत सूचनांए दे दी जाती हैं। मोबाइल कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की लत बन चुका है।
मोबाइल क्रांति के कारण मोबाइल कम्पनियों में प्रतिस्पर्धा की भावना है। इसी के चलते कई कम्पनियां जल्दी-जल्दी में मोबाइल में गलत उपकरण डाल देती है। जिसके कारण मोबाइल बैटरियों के प्रयोग में दिक्कतें आने लगी हैं। और इसी के कारण कई लोगों को भारी नुकशान उठाना पड़ा है। पिछले दिनों नोकिया कम्पनी की कई बैटरियों में विस्फोट हुए थे। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। मोबाइल में कंपन के आने के कारण दिल की बीमारियां पनपने लगने लगी है। और इसका लगातार प्रयोग करते रहने से मुख कैंसर भी हो सकता है। लेकिन मोबाइल के प्रचलन से गांव के लोगों में काफी हद तक सुधार हुआ है। उनके रहन-सहन, आचार-विचार व भाषा में परिवर्तन आया है। लोगों के व्यवहार में सुधार हुआ है। इसके तमाम दोषों को दरकिनार करते हुए इसकी अच्छाईयों को ग्रहण करना चाहिए। निसंदेह मोबाइल फोन आज के मनुष्य की कमजोरी बन गया है जो मनुष्य को तमाम सुविधांए प्रदान करने के बावजूद भी कुछ खामियों के कारण मन में संदेह पैदा करता है। इस खामियों को नजरअंदाज कर हम विज्ञान का मार्ग प्रस्त करना होगा।
संदीप कंवल भुरटाना
एम ए एम सी द्वितीय वर्ष
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
सिरसा (हरियाणा)
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